भारतीय एकता के प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भाजपा मंडल उमरियापान ने बूथ स्तर पर किया श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन।
बूथ क्रमांक 187 पर मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया और जिला मंत्री विजय दुबे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अर्पित की पुष्पांजलि, व्यक्त किए प्रेरणास्पद विचार।
उमरियापान,ग्रामीण खबर mp:
भारतीय जनसंघ के संस्थापक, राष्ट्र एकता और सांस्कृतिक चेतना के अमर पुरोधा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर भाजपा मंडल उमरियापान द्वारा बूथ क्रमांक 187 पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और सामाजिक प्रतिनिधियों ने डॉ. मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन व बलिदान से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा जिला मंत्री विजय दुबे उपस्थित रहे। विजय दुबे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. मुखर्जी के राष्ट्रीय दृष्टिकोण, वैचारिक प्रतिबद्धता और बलिदानी जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने न केवल भारतीय राजनीति में नई दिशा दी, बल्कि उन्होंने भारत की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया।
उन्होंने कहा कि आज जब हम उनके बलिदान दिवस पर एकत्र हुए हैं, यह आवश्यक है कि हम केवल उन्हें श्रद्धांजलि न दें, बल्कि उनके आदर्शों को आत्मसात कर कार्य करें। "एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे" यह उनका संकल्प न केवल नारा था, बल्कि भारत के पुनर्गठन की दिशा में एक क्रांतिकारी उद्घोष था।
मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया ने संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार, उनकी संगठनात्मक क्षमता और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा आज भी हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए पथप्रदर्शक है। उन्होंने कहा कि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख नेताओं में पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष संदीप सोनी, वरिष्ठ कार्यकर्ता बसंत मिश्रा, गंगाराम मिश्रा, बूथ महामंत्री नरेश जायसवाल, रमाकांत आशाटी, मिलन झरिया (गडकरी), सोनू पटेल, एवं अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे। सभी ने अपने विचार रखते हुए डॉ. मुखर्जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं का स्मरण किया और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा में युवाओं की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं संविधान की रक्षा हेतु निष्ठा पूर्वक कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक मंडल द्वारा किया गया तथा समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि सभा था, बल्कि डॉ. मुखर्जी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का एक सार्थक प्रयास भी सिद्ध हुआ।