मंत्री श्री पटेल ने सिंध एवं सगड़ नदी के उद्गम स्थल पर पूजा अर्चना की।
मंत्री श्री पटेल लटेरी के गोपीतलई में जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम में शामिल हुए।
पुराने जल स्रोतों को संवारना और पौधे लगाना जरूरी तभी हम आगामी पीढ़ी को पर्याप्त जल दे सकेंगे - मंत्री श्री पटेल।
विदिशा,ग्रामीण खबर mp:
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम विभाग के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल आज विदिशा जिले की लटेरी तहसील के वार्ड क्रमांक 14 गोपीतलई में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने सिंध एवं सगड़ नदी के उद्गम स्थल पर पूजन अर्चना में सहभागिता निभाई। उद्गम स्थल पर पूजा अर्चना के साथ-साथ जल जल और पंचामृत भी अर्पित किया। इसके उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जल स्रोतों को संवारने व उनके जीर्णोद्धार और पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इस वर्ष जल गंगा संवर्धन अभियान की क्रियान्वयन अवधि 3 माह तक संचालित की है जो जल संरक्षण की दिशा में प्रशंसनीय है।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष उन्होंने प्रदेश के कुल 79 उद्गम स्थलों का निरीक्षण किया है, लेकिन जल स्रोतों को संवारने व पानी की उपलब्धता आगामी पीढ़ी को सुनिश्चित हो उसके लिए आज हमें जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के माध्यम से पुराने जल स्रोतों को संवारने, पुनर्जीवन और नए निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, ताकि आगामी पीढ़ी को पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
लेकिन हमें जल स्रोतों की चिंता करनी होगी साथ-साथ उन्हें जिंदा रखना हमारी जिम्मेदारी होगी। पिछले कुछ सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में जो जल स्रोत थे वह समाप्त हुए हैं उसकी क्या वजह रही है उसे जानने की आवश्यकता है और उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता भी है। जल गंगा संवर्धन अभियान का सिद्धांत है कि नए स्रोत तैयार करें और पुराने जल स्रोतों को भी संवारें। वर्तमान की स्थिति में धरती का जल स्तर नीचे जा रहा है इसलिए हमें जल स्रोतों को संवारना होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी नदियां तब बनेगी जब हम छोटी नदियों को बारहमासी बनाएंगे। साथ ही साथ उन्होंने पौधारोपण पर भी विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि हमें जल संरक्षण के साथ-साथ पौधे लगाने की भी आवश्यकता है इसलिए हमें पौधे लगाना तो है साथ ही उन्हें वट वृक्ष बन जखने तक संरक्षण का कार्य भी करना है। यदि हम पांच सात वर्षों तक निरंतर इसी प्रकार से कार्य करेंगे तो निश्चित तौर पर जल स्रोतों को तैयार कर सकेंगे और हमारी आगामी पीढ़ी को पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो सकेगा और आने वाले वर्षों में जल संकट जैसी स्थिति निर्मित नहीं होगी। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में बासौदा की पाराशरी नदी के लिए किये जा रहा है कार्यों का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि पाराशरी नदी में 5 किलोमीटर तक का कार्य किया जा रहा है, जो क्षेत्र के लिए बड़े स्तर पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
इस दौरान कार्यक्रम में लटेरी नगरपालिका अध्यक्ष शैलेश भंडारी, संदीप डोंगर सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि गण जिला पंचायत सीईओ ओपी सनोडिया, लटेरी एसडीएम विनीत तिवारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और नागरिक बंधु मौजूद रहे।