प्राकृतिक जल स्रोतों की रक्षा की दिशा में प्रशासन की सख्त पहल, ग्राम खिरहनी स्थित रपटा नाला का प्रवाह बाधित करने वाले पक्के निर्माण को हटाने की कार्यवाही शुरू।
प्रशासन ने नाले के बहाव में बाधक बनी कांक्रीट की बाउंड्री वॉल को ब्रेकिंग मशीन से गिराने की कार्रवाई शुरू की, तहसीलदार बीके मिश्रा के नेतृत्व में चला समन्वित अतिक्रमण विरोधी अभियान।
कटनी,ग्रामीण खबर mp।
प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कटनी नगर तहसील के ग्राम खिरहनी, पटवारी हल्का नंबर 41 में स्थित रपटा नाला के प्रवाह को बाधित करने वाले निर्माण कार्य को हटाने की कार्यवाही सोमवार से प्रारंभ कर दी है।
यह कार्रवाई उस बाउंड्री वॉल के विरुद्ध है जो नाले के प्राकृतिक बहाव को अवरुद्ध कर रही थी और जिसके कारण वर्षा जल का स्वाभाविक प्रवाह प्रभावित हो रहा था। प्रशासन द्वारा यह निर्णय मौके के निरीक्षण के उपरांत लिया गया, जहां पाया गया कि उक्त बाउंड्री वॉल नाले के पारंपरिक स्वरूप में परिवर्तन का कारण बन रही है, जिससे आने वाले समय में जलभराव और पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।
तहसीलदार कटनी नगर बीके मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि खसरा नंबर 553/2/1, 553/3/1, 553/3/2 एवं 553/6 में कुल रकबा 0.660, 0.607, 0.144, एवं 0.442 हेक्टेयर भूमि प्रवीण बजाज पिता सत्यानारायण बजाज के नाम पर दर्ज है। उक्त भूमि पर स्वामी के अधिकार क्षेत्र में एक पक्की रिटेनिंग बाउंड्री वॉल का निर्माण किया गया था, जो खसरा नंबर 442 में दर्ज राजस्व नाले के प्रवाह में व्यवधान उत्पन्न कर रही थी।
मौका निरीक्षण के दौरान यह भी देखा गया कि पुराने पुल के दक्षिण दिशा की ओर यह बाउंड्री वॉल नाले की सीमा में घुसकर निर्मित की गई है, जिससे नाले का स्वरूप ही परिवर्तित हो रहा है। यह स्थिति केवल एक भूमि विवाद नहीं बल्कि व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव उत्पन्न करने वाली है, जिसे लेकर प्रशासन सतर्क हुआ और निर्णय लिया गया कि इस बाधक निर्माण को हटाया जाएगा।
इस क्रम में सोमवार को तहसील कार्यालय द्वारा आवश्यक मशीनरी के साथ कार्रवाई की शुरुआत की गई। चूंकि बाउंड्री वॉल कांक्रीट की बनी थी और अत्यंत मजबूत थी, इसलिए ब्रेकिंग मशीन द्वारा वॉल को तोड़ने की प्रक्रिया अपनाई गई। यह कार्य न केवल तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि प्रशासनिक समन्वय की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था।
इस कार्रवाई का नेतृत्व तहसीलदार कटनी नगर बीके मिश्रा ने किया। उनके साथ तहसीलदार कटनी ग्रामीण अजीत तिवारी, प्रभारी राजस्व निरीक्षक सुभाष गर्ग, पटवारी तुलाराम वर्मा, प्रकाश गुप्ता, भानसिंह बागरी, नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी मानेंद्र सिंह एवं उनकी अतिक्रमण विरोधी टीम मौजूद रही। वहीं, विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए थाना एनकेजे के प्रभारी अनिल यादव अपनी पुलिस टीम के साथ मौके पर तैनात रहे।
अधिकारियों की उपस्थिति और समन्वित प्रयासों से यह कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संचालित की गई। किसी प्रकार का विरोध या व्यवधान नहीं उत्पन्न हुआ।
इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में भी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई। कुछ लोगों ने प्रशासन के प्रयास को सराहा और जल स्रोतों की रक्षा की दिशा में इसे साहसी कदम बताया, वहीं कुछ अन्य लोगों ने इस कार्यवाही को भूमि स्वामी के अधिकारों का हनन बताया। हालांकि तहसील प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल जल स्रोत की रक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए की गई है।
यह कार्यवाही एक उदाहरण है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति मजबूत होती है, तो पर्यावरणीय संरक्षण और राजस्व अभिलेखों की रक्षा दोनों एक साथ की जा सकती है। कटनी जिला प्रशासन का यह प्रयास आने वाले समय में अन्य अतिक्रमणकारियों के लिए एक चेतावनी साबित हो सकता है कि प्राकृतिक संसाधनों पर कोई भी अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन द्वारा यह भी संकेत दिए गए हैं कि जिले के अन्य ऐसे नाले, जलधाराएं या प्राकृतिक स्रोत, जिन पर अवैध कब्जे या निर्माण किए गए हैं, उनकी पहचान कर अगली कार्यवाही की जाएगी।